अगले दो महीनों में भारतीय प्रारंभिक सार्वजनिक प्रस्ताव (IPO) बाजार में बड़ी हलचल देखने को मिलेगी, जहाँ Hyundai Motor India, Swiggy, और NTPC Green Energy सहित कई प्रमुख कंपनियाँ IPO के माध्यम से लगभग 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। यह बड़ी राशि भारत में निवेशकों और कंपनियों के बीच बढ़ती रुचि और विश्वास को दर्शाती है।
प्रमुख कंपनियाँ जो IPO के लिए तैयार हैं
1. Hyundai Motor India: सबसे बड़ा IPO
Hyundai Motor India, दक्षिण कोरिया की प्रमुख वाहन निर्माता कंपनी की भारतीय सहायक कंपनी, 25,000 करोड़ रुपये का IPO लाने की तैयारी में है। यह भारत के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ हो सकता है, जो LIC के 21,000 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ सकता है। Hyundai का यह पूरा IPO ऑफर-फॉर-सेल (OFS) होगा, जिसमें कोई नया शेयर जारी नहीं होगा। कंपनी के 14,21,94,700 शेयर Hyundai Motor Company द्वारा बेचे जाएंगे।
2. Swiggy: फूड डिलीवरी की दिग्गज कंपनी
फूड डिलीवरी प्लेटफार्म Swiggy भी अपने IPO के लिए पूरी तरह तैयार है। Swiggy 10,414 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है, जिसमें से 3,750 करोड़ रुपये का हिस्सा फ्रेश इश्यू और 6,664 करोड़ रुपये का हिस्सा ऑफर-फॉर-सेल होगा। Swiggy के आईपीओ को लेकर निवेशकों में भारी उत्सुकता है क्योंकि यह एक महत्वपूर्ण तकनीकी कंपनी है जो भारतीय उपभोक्ता बाजार में गहरी पैठ बना चुकी है।
3. NTPC Green Energy: नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में विस्तार
NTPC की नवीकरणीय ऊर्जा इकाई NTPC Green Energy भी 10,000 करोड़ रुपये का IPO लॉन्च करने की योजना बना रही है। यह IPO नवंबर के पहले सप्ताह में आने की उम्मीद है और यह भारत के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
अन्य प्रमुख कंपनियाँ IPO की तैयारी में
Hyundai, Swiggy, और NTPC Green Energy के अलावा, Afcons Infrastructure, Waaree Energies, Niva Bupa Health Insurance, Mobikwik, और Garuda Construction जैसी प्रमुख कंपनियाँ भी अक्टूबर-नवंबर के दौरान IPO लॉन्च करने की तैयारी कर रही हैं। ये सभी कंपनियाँ मिलकर लगभग 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं।
- Afcons Infrastructure: 7,000 करोड़ रुपये का IPO
- Waaree Energies: 3,000 करोड़ रुपये का IPO
- Niva Bupa Health Insurance: 3,000 करोड़ रुपये का IPO
- Mobikwik: 700 करोड़ रुपये का IPO
IPO के माध्यम से कंपनियों का उद्देश्य
इन कंपनियों का मुख्य उद्देश्य IPO के माध्यम से धन जुटाकर अपने विस्तार योजनाओं को आगे बढ़ाना है। इसके साथ ही वे कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने और अपने मौजूदा शेयरधारकों के लिए निकासी मार्ग प्रदान करने का भी लक्ष्य रखती हैं। IPO का यह दौर उन कंपनियों के लिए भी महत्वपूर्ण है जो अपने कर्ज को कम करने की योजना बना रही हैं।
IPO बाजार की मौजूदा स्थिति और प्रवृत्ति
सितंबर के अंत से दिसंबर तक भारतीय शेयर बाजार में 30 से अधिक IPO आने की संभावना है। यह वृद्धि केवल कुछ विशेष सेक्टर्स तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न उद्योगों और डील साइज़ में IPO लॉन्च किए जा रहे हैं। इस IPO की बढ़ती मांग का एक कारण है घरेलू म्यूचुअल फंड्स में मजबूत निवेश प्रवाह और भारत की कॉरपोरेट दुनिया में हो रही तीव्र पूंजी निर्माण। निवेशक भी नए विचारों और संभावनाओं की ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिससे IPO बाजार में नई उर्जा देखने को मिल रही है।
मूल्यांकन और जोखिम
IPO बाजार में वर्तमान में सकारात्मक भावनाएँ छाई हुई हैं, और इसकी प्रमुख वजह मजबूत आर्थिक बुनियाद, अनुकूल बाजार स्थितियाँ, और विभिन्न सेक्टर्स में हो रही वृद्धि है। हालाँकि, इस उछाल के बीच कुछ जोखिम भी हो सकते हैं। यदि बाजार में कोई बड़ी सुधारात्मक कार्रवाई होती है या किसी प्रकार का नियामक हस्तक्षेप होता है, तो IPO बाजार की वर्तमान उत्साह में कमी आ सकती है।
Vaibhav Porwal, जो Dezrev के सह-संस्थापक हैं, का मानना है कि बाजार में सुधार या नियामक बाधाओं जैसी चुनौतियाँ इस उछाल को थोड़ी हद तक रोक सकती हैं, लेकिन फिलहाल इस प्रकार के संकेत नहीं हैं।
निष्कर्ष: IPO बाजार का भविष्य
आगे देखते हुए, IPO बाजार का 2025 में भी सकारात्मक रहने की उम्मीद है। SEBI द्वारा अब तक 22 कंपनियों को IPO की मंजूरी मिल चुकी है, जो करीब 25,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही हैं। इसके अतिरिक्त, 50 से अधिक कंपनियों ने अपने ड्राफ्ट पेपर्स फाइल कर दिए हैं और मंजूरी का इंतजार कर रही हैं। ये कंपनियाँ मिलकर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक जुटाने की योजना बना रही हैं, जो IPO बाजार में जारी महत्वपूर्ण गति को दर्शाता है।
IPO बाजार की यह तेज गति जारी रहेगी या नहीं, यह बाजार के विभिन्न कारकों पर निर्भर करेगा, लेकिन फिलहाल भारतीय IPO बाजार में उत्साह और संभावनाओं की कोई कमी नहीं है।