थाईलैंड के $77 बिलियन सोशल सिक्योरिटी फंड ने हाल ही में अपने निवेश पोर्टफोलियो में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है। कमजोर रिटर्न और बढ़ती उम्रदराज़ी जनसंख्या के दबाव के चलते, इस फंड को 2051 तक दिवालिया होने का खतरा है। इसे सुधारने के लिए फंड ने $11.6 बिलियन ग्लोबल प्राइवेट एसेट्स में निवेश करने की योजना बनाई है। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह बदलाव क्या है और इसका थाईलैंड की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा।
$11.6 बिलियन का नया निवेश
सोशल सिक्योरिटी फंड की नई निवेश रणनीति का मुख्य उद्देश्य रिटर्न को बढ़ाना है। फंड अब ग्लोबल प्राइवेट एसेट्स जैसे प्राइवेट इक्विटी, प्राइवेट क्रेडिट, और हेज फंड्स में $11.6 बिलियन निवेश करेगा। इसका मतलब है कि फंड अब सिर्फ थाईलैंड के घरेलू बाजारों पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि वैश्विक बाजारों में भी हिस्सेदारी बढ़ाएगा। इससे लंबे समय में फंड को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है।
फंड की खराब परफॉर्मेंस और आवश्यक सुधार
पिछले 10 वर्षों में थाईलैंड के सोशल सिक्योरिटी फंड की औसत वार्षिक रिटर्न केवल 3% से भी कम रही है, जोकि इसकी क्षमता से बहुत नीचे है। जबकि अन्य वैश्विक पेंशन फंड्स, जिनका निवेश पोर्टफोलियो 60% ग्लोबल इक्विटी और 40% ग्लोबल बॉन्ड्स में होता है, उन्होंने 7.7% की औसत रिटर्न प्राप्त की है। थाईलैंड के फंड के खराब प्रदर्शन की वजह इसका अत्यधिक घरेलू और कम जोखिम वाले निवेशों पर निर्भर होना है।
इस वक्त, फंड के 70% निवेश लो-रिस्क एसेट्स में हैं, जिनमें से ज्यादातर थाईलैंड के ही हैं। जबकि यह रणनीति छोटी अवधि में सुरक्षित दिखाई देती है, यह लंबे समय में फंड की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा रही है।
बोर्ड का नया गठन और सुधारवादी दृष्टिकोण
फंड के बोर्ड का हाल ही में पुनर्गठन हुआ है, जिसमें सुधारवादी सदस्यों को पहली बार चुना गया। पहले, बोर्ड के ज्यादातर सदस्य थाईलैंड की सैन्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते थे, लेकिन अब कई सदस्य श्रमिक समूहों और प्रोग्रेसिव पार्टी द्वारा नामित किए गए हैं। यह नया बोर्ड अब 2025 से फंड की निवेश रणनीति को बदलने की तैयारी कर रहा है, ताकि फंड को अधिक लाभकारी और वैश्विक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके।
भविष्य की चुनौतियाँ और समाधान
थाईलैंड की जनसंख्या तेजी से उम्रदराज़ हो रही है। वर्ष 2023 के अंत तक, देश की 66 मिलियन आबादी में से लगभग 20% लोग 60 वर्ष से अधिक उम्र के थे। 2045 तक, अनुमान है कि पेंशन फंड में योगदान करने वालों की संख्या घट जाएगी और निकासी करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ेगी। इसका मतलब है कि फंड में अधिक लोगों द्वारा पैसा निकाला जाएगा जबकि योगदान कम होगा, जिससे फंड के दिवालिया होने की संभावना बढ़ जाएगी।
यह बदलाव इसलिए जरूरी है क्योंकि अगर फंड ने अपनी निवेश रणनीति नहीं बदली तो वह 2051 तक पूरी तरह से खत्म हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए फंड को उच्च रिटर्न वाली संपत्तियों में निवेश करना होगा।
निष्कर्ष
थाईलैंड के सोशल सिक्योरिटी फंड के सामने आने वाली चुनौतियाँ गंभीर हैं, लेकिन $11.6 बिलियन का ग्लोबल प्राइवेट एसेट्स में निवेश करने का फैसला इसे एक नई दिशा में ले जा सकता है। यह निवेश न केवल फंड को दीर्घकालिक स्थिरता प्रदान करेगा, बल्कि थाईलैंड की बुजुर्ग आबादी के भविष्य को भी सुरक्षित करेगा। हालांकि, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या यह नई रणनीति वास्तव में फंड के खराब प्रदर्शन को सुधार पाती है और इसे दीर्घकालिक रूप से लाभकारी बनाती है।
थाईलैंड सोशल सिक्योरिटी फंड के इस बड़े बदलाव का असर देश की अर्थव्यवस्था और जनसंख्या पर महत्वपूर्ण होगा। लंबी अवधि में, इस तरह की निवेश योजनाएँ फंड के भविष्य को सुरक्षित करने में मददगार हो सकती हैं।