Sensex 1,800 अंक गिरा, Nifty 25,250 के नीचे – Iran-Israel संघर्ष से बाजार में हड़कंप

Iran-Israel War Impact

गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में भूचाल आ गया, जब Sensex 1,800 अंक से ज्यादा गिरकर 82,455.08 पर पहुंच गया और Nifty50 भी 554 अंक गिरकर 25,242 पर आ गया। इस भारी गिरावट का प्रमुख कारण वैश्विक तनाव, खासकर Iran-Israel संघर्ष, और तेल की बढ़ती कीमतें हैं।

इस लेख में हम चर्चा करेंगे उन प्रमुख कारणों की, जिनकी वजह से भारतीय शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट आई।

प्रमुख कारणों से बाजार में गिरावट

1. Iran-Israel संघर्ष

Iran और Israel के बीच बढ़ते तनाव ने वैश्विक बाजारों को हिला दिया है। इस संघर्ष में Iran द्वारा Israel पर मिसाइल हमले और Israel की जवाबी कार्यवाही से आशंका बढ़ गई है कि ये टकराव लंबे समय तक चलेगा, जिससे तेल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है।

इससे निवेशकों में डर और अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। भारतीय बाजार पर भी इसका असर साफ दिखा, क्योंकि Sensex और Nifty में भारी गिरावट आई।

2. Crude Oil की बढ़ती कीमतें

Crude Oil की कीमतें भी बढ़ रही हैं, जो भारत जैसे आयात-आधारित देशों के लिए एक बड़ी चिंता है। Brent Crude की कीमत $75 प्रति बैरल से ऊपर चली गई, जबकि West Texas Intermediate $72 प्रति बैरल के पार हो गया।

तेल की बढ़ती कीमतें भारत के आयात बिल में इजाफा करती हैं, जिससे घरेलू बाजार पर नकारात्मक असर पड़ता है। अगर तेल आपूर्ति में और बाधा आती है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।

3. SEBI के F&O सेगमेंट पर नए नियम

हाल ही में SEBI ने Futures & Options (F&O) सेगमेंट के नियम कड़े किए हैं। नए नियमों के तहत साप्ताहिक एक्सपायरी की संख्या सीमित की गई है और कॉन्ट्रैक्ट साइज को बढ़ाया गया है।

इससे रिटेल निवेशकों की भागीदारी में कमी आने की संभावना है, जिससे बाजार में ट्रेडिंग वॉल्यूम घट सकते हैं। इस अनिश्चितता ने बाजार में अतिरिक्त दबाव डाला और निवेशकों को चिंतित किया है।

4. China का आर्थिक पुनरुत्थान

China में हाल ही में घोषित आर्थिक प्रोत्साहन उपायों ने वहां के शेयर बाजार में तेजी ला दी है। पिछले सप्ताह SSE Composite Index में 8% की वृद्धि देखी गई, जबकि पिछले एक हफ्ते में यह 15% बढ़ा है।

इसका असर भारत पर पड़ा है, क्योंकि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने पिछले दो सत्रों में भारतीय शेयर बाजार से ₹15,370 करोड़ की निकासी की है। इससे भारतीय बाजार में बिकवाली का दबाव बढ़ा है।


भारतीय शेयरों पर असर

भारतीय बाजार की इस गिरावट में कई प्रमुख कंपनियों के शेयरों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। Reliance Industries, HDFC Bank, ICICI Bank, M&M, L&T, और Bharti Airtel जैसी कंपनियों ने Sensex को नीचे खींचा, जबकि केवल JSW Steel और Tata Steel के शेयर ही बढ़त के साथ खुले।

इसके अलावा, Nifty Oil & Gas Index 1.2% से ज्यादा गिरा, जिसमें Hindustan Petroleum, IOC, और GSPL शीर्ष गिरावट दर्ज करने वाले शेयरों में शामिल रहे।


वैश्विक बाजार का प्रभाव

भारतीय बाजार की इस गिरावट का प्रभाव केवल घरेलू कारणों तक सीमित नहीं था। एशियाई बाजारों में भी कमजोरी देखने को मिली, जिसका कारण वैश्विक निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता में कमी है।

तेल की बढ़ती कीमतें और Middle East में बढ़ता तनाव निवेशकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, जिससे निवेशकों ने सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख किया।

आगे क्या?

आने वाले समय में बाजार का रुख काफी हद तक Iran-Israel संघर्ष और तेल की कीमतों पर निर्भर करेगा। अगर तेल की कीमतें और बढ़ती हैं या तनाव और बढ़ता है, तो यह भारतीय बाजार के लिए और अधिक चुनौतियां पैदा कर सकता है।

निवेशकों को इस समय सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी बड़े निर्णय से पहले बाजार के रुझान को ध्यान में रखना चाहिए।


Disclaimer: इस लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है। किसी भी निवेश निर्णय से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।

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