2022-23 में विनिर्माण उद्योगों में रोजगार में 7.5% की वृद्धि: MoSPI सर्वे

विनिर्माण उद्योग रोजगार 2022-23

वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण (Annual Survey of Industries, ASI) 2022-23 के अनुसार, भारत के विनिर्माण उद्योगों में रोजगार में 7.5% की वृद्धि दर्ज की गई है। यह रिपोर्ट Ministry of Statistics and Programme Implementation (MoSPI) द्वारा जारी की गई है, जो औद्योगिक आँकड़ों का प्रमुख स्रोत है। इस सर्वे से पता चलता है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र ने कोविड-19 महामारी के बाद न केवल उबरने में सफलता हासिल की है, बल्कि तेजी से आगे बढ़ रहा है।

रोजगार वृद्धि की मुख्य बातें

2022-23 में कुल 1.84 करोड़ लोगों को विनिर्माण उद्योगों में रोजगार मिला, जो कि 2021-22 में 1.72 करोड़ था। यह पिछले 12 वर्षों में रोजगार में सबसे तेज वृद्धि है। खासतौर पर खाद्य उत्पाद (Food Products), वस्त्र (Textiles), मूल धातु (Basic Metals), वस्त्र परिधान (Apparel) और मोटर वाहन (Motor Vehicles) जैसे उद्योगों में सबसे अधिक रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए।

महामारी से उबरने की कहानी

ASI 2022-23 के आँकड़े बताते हैं कि कोविड-19 महामारी के प्रभाव को पूरी तरह से मिटाया जा चुका है। 2021-22 में जहाँ 2.49 लाख फैक्ट्रियाँ कार्यरत थीं, वहीं 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 2.53 लाख हो गई। NITI Aayog के CEO बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने कहा कि इन आँकड़ों से साफ है कि विनिर्माण क्षेत्र अब ऊपर की ओर बढ़ रहा है।

क्षेत्र-वार रोजगार वितरण

ASI रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य क्षेत्रों में खाद्य उत्पाद, वस्त्र, रसायन (Chemicals) और मोटर वाहन उद्योग प्रमुख रहे। इन उद्योगों ने 2022-23 में कुल उत्पादन का 58% योगदान दिया। Basic Metal और Refined Petroleum उत्पादों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई। इसके साथ ही, इन उद्योगों में सकल मूल्य वर्धन (Gross Value Added, GVA) में भी 2.6% की वृद्धि हुई।

शीर्ष प्रदर्शन करने वाले राज्य

रोजगार और उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश शीर्ष राज्यों में शामिल रहे। 2022-23 में विनिर्माण क्षेत्र में कुल रोजगार का 55% इन पाँच राज्यों ने मिलकर प्रदान किया। महाराष्ट्र इस दौरान GVA में पहले स्थान पर रहा, जबकि गुजरात और तमिलनाडु ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

अनौपचारिक क्षेत्र से तुलना

ASI 2022-23 ने औपचारिक (Formal) उद्योगों में तो वृद्धि दिखाई, लेकिन अनौपचारिक (Informal) क्षेत्र में 16.45 लाख नौकरियों की गिरावट आई। Annual Survey of Unincorporated Enterprises (ASUSE) के अनुसार, अनौपचारिक क्षेत्र में 2022-23 में कुल 10.96 करोड़ लोग कार्यरत थे, जो 2015-16 के 11.13 करोड़ की तुलना में 1.5% कम है।

पूंजी निर्माण और निवेश में वृद्धि

सर्वे के अनुसार, 2022-23 में Gross Fixed Capital Formation में 77% की वृद्धि हुई, जो महामारी के बाद निवेश में एक बड़ा उछाल है। यह वृद्धि भारतीय उद्योगों में विश्वास की वापसी को दर्शाती है। महामारी के वर्षों में जहाँ निवेश में कमी आई थी, अब यह तेजी से सुधर रहा है।

भविष्य की संभावनाएँ

NITI Aayog के CEO का मानना है कि 7.5% की वार्षिक वृद्धि दर के साथ, भविष्य में GDP और रोजगार में विनिर्माण क्षेत्र का हिस्सा बढ़ने की संभावना है। इसके साथ ही, Production Linked Incentive (PLI) योजनाओं के कारण कई उद्योगों में भी बेहतर वृद्धि दर देखी जा रही है, जिनमें धातु, मोटर वाहन और खाद्य उत्पाद प्रमुख हैं।

निष्कर्ष

2022-23 की ASI रिपोर्ट यह स्पष्ट संकेत देती है कि भारतीय विनिर्माण क्षेत्र न केवल कोविड महामारी से उबर चुका है, बल्कि विकास के नए रास्ते पर है। रोजगार में वृद्धि और पूंजी निवेश में सुधार, उद्योगों की ताकत को दर्शाता है। इसके अलावा, PLI जैसी सरकारी योजनाएँ इस वृद्धि को और अधिक सशक्त बना रही हैं।

यह रिपोर्ट भारतीय अर्थव्यवस्था के उज्ज्वल भविष्य की ओर इशारा करती है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है।

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