1 अक्टूबर 2024 से कई वित्तीय नियम और दिशा-निर्देश बदलने वाले हैं। ये बदलाव न केवल निवेशकों को प्रभावित करेंगे, बल्कि आम लोगों के लिए भी अहम होंगे। इस ब्लॉग में, हम राष्ट्रीय लघु बचत योजनाओं (NSS), सार्वजनिक भविष्य निधि (PPF), स्वास्थ्य बीमा, ऋण दरें, शेयर बायबैक, और कर से जुड़े इन बदलावों पर नज़र डालेंगे।
PPF खातों के नए नियम
1 अक्टूबर से पीपीएफ खाताधारकों के लिए कुछ महत्वपूर्ण नियम लागू होने जा रहे हैं, खासकर एनआरआई (NRI) और नाबालिगों के खातों के लिए। यदि कोई एनआरआई बिना अपने स्टेटस का खुलासा किए पीपीएफ खाते में निवेश कर रहा है, तो अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
- एनआरआई पीपीएफ खातों पर 1 जुलाई से 30 सितंबर तक पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के बराबर ब्याज मिलेगा।
- 1 अक्टूबर से इन खातों पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा। यह एनआरआई निवेशकों के लिए एक बड़ा बदलाव होगा।
स्वास्थ्य बीमा में बदलाव
स्वास्थ्य बीमा के क्षेत्र में भी इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) के नए दिशा-निर्देश लागू होंगे। पुराने स्वास्थ्य बीमा उत्पादों को नए नियमों के अनुसार 30 सितंबर तक अपडेट करना जरूरी था।
नए नियमों के अनुसार:
- प्रतीक्षा अवधि (Waiting Period) अब अधिकतम 3 साल होगी, जबकि पहले यह 4 साल थी।
- मॉरेटोरियम अवधि भी घटाकर 5 साल कर दी गई है। इसके बाद इंश्योरेंस कंपनियां किसी दावे को गलत जानकारी या धोखाधड़ी के आधार पर ही खारिज कर सकती हैं।
ऋण दरों में पारदर्शिता
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को निर्देश दिया है कि वे उधारकर्ताओं को ऋण की शर्तों को स्पष्ट रूप से समझाने के लिए ‘कुंजी तथ्य विवरण (KFS)’ जारी करें।
इससे क्या लाभ होगा?
- KFS में उधारकर्ता को सभी प्रमुख शर्तों, शुल्क और ब्याज दरों की जानकारी स्पष्ट रूप से दी जाएगी।
- इससे ऋण लेने वालों को अपने ऋण की लागत को समझने में आसानी होगी और छिपे हुए शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा।
HDFC Infinia क्रेडिट कार्ड के नए नियम
HDFC Infinia क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए इनामी बिंदु (रिवॉर्ड पॉइंट) के उपयोग पर 1 अक्टूबर से सख्त नियम लागू होंगे। अब:
- कार्डधारक हर तिमाही में केवल एक ऐप्पल उत्पाद पर इनामी बिंदु का उपयोग कर सकेंगे।
- तनिष्क वाउचर पर रिवॉर्ड पॉइंट की अधिकतम सीमा 50,000 पॉइंट्स प्रति तिमाही कर दी गई है।
म्यूचुअल फंड यूनिट रीपर्चेस पर टीडीएस छूट
निवेशकों के लिए एक राहत भरी खबर है। 1 अक्टूबर से, म्यूचुअल फंड यूनिट्स की रीपर्चेस पर 20% TDS नहीं लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 के बजट में यह घोषणा की थी।
- इस बदलाव से निवेशकों का कर बोझ कम होगा और उन्हें अधिक लाभ प्राप्त होगा।
विवाद से विश्वास योजना 2024
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने 1 अक्टूबर से विवाद से विश्वास योजना 2024 शुरू करने की घोषणा की है। यह योजना कर विवादों के त्वरित निपटान के लिए लाई गई है, जिससे मुकदमेबाजी की लागत कम होगी और समाधान आसान होगा।
- नए अपीलकर्ताओं के लिए योजना में कम सेटलमेंट राशि तय की गई है।
- जो लोग 31 दिसंबर तक अपनी घोषणा दाखिल करेंगे, उन्हें कम सेटलमेंट राशि का फायदा मिलेगा।
शेयर बायबैक कर संरचना में बदलाव
1 अक्टूबर से शेयर बायबैक के कर नियमों में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। पहले बायबैक पर कंपनियों को 20% कर देना होता था, लेकिन अब:
- बायबैक से प्राप्त राशि पर शेयरधारकों को कर देना होगा।
- अब यह राशि डिविडेंड के रूप में मानी जाएगी और निवेशकों की आयकर स्लैब के अनुसार कर लगेगा।
बोनस-इश्यू ट्रेडिंग प्रक्रिया में तेजी
सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने 1 अक्टूबर से बोनस-इश्यू ट्रेडिंग प्रक्रिया को तेज कर दिया है। अब:
- बोनस इश्यू के शेयर T+2 आधार पर ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होंगे, जहां T रिकॉर्ड डेट होगी।
- पहले यह प्रक्रिया लगभग दो सप्ताह तक चलती थी, लेकिन अब सिर्फ 2 दिन में शेयर ट्रेडिंग हो सकेगी।
निष्कर्ष
1 अक्टूबर 2024 से लागू होने वाले इन बदलावों का वित्तीय जगत पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा। चाहे वह PPF हो, स्वास्थ्य बीमा हो, या म्यूचुअल फंड और शेयर बायबैक से जुड़े नियम, हर बदलाव आम लोगों और निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन बदलावों को समझना और अपने निवेश और वित्तीय योजनाओं को दोबारा परखना जरूरी होगा ताकि आप किसी अप्रत्याशित नुकसान से बच सकें।